📅 तारीख: 8 अगस्त 2025
📍 स्थान: पुनौरा धाम, सीतामढ़ी, बिहार
👤 मुख्य अतिथि: अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री), नीतीश कुमार (मुख्यमंत्री, बिहार)

✨ एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत
8 अगस्त 2025 का दिन बिहार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण लेकर आ रहा है। सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम, जिसे माता सीता की जन्मभूमि माना जाता है, वहां अब एक भव्य सीता मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है।
इस मंदिर का भूमि पूजन (शिलान्यास) केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों किया जाएगा। यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
🏛 मंदिर की खास बातें
यह मंदिर 156 फीट ऊँचा होगा और पूरे परिसर का निर्माण 67 एकड़ जमीन पर होगा।
परिसर में बनेगा:
सीता वाटिका
लव-कुश उद्यान
धार्मिक संग्रहालय
आधुनिक ऑडिटोरियम
पार्किंग एरिया
पैदल परिक्रमा पथ
कैफेटेरिया व यात्रियों की सुविधा केंद्र
🙏 धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
मंदिर का डिज़ाइन वही है जिन्होंने अयोध्या राम मंदिर का नक्शा तैयार किया – आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा।
💰 बजट और योजना
इस भव्य परियोजना के लिए बिहार सरकार ने करीब ₹882 करोड़ रुपए का बजट तय किया है:
₹137 करोड़ रुपए मंदिर निर्माण के लिए।
बाकी राशि धार्मिक पर्यटन और विकास कार्यों पर खर्च होगी।
यह योजना मिथिला क्षेत्र को एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन स्थल में बदलने की दिशा में बड़ा कदम है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राजा जनक की यज्ञ भूमि पर माता सीता का जन्म हुआ था, जो आज का पुनौरा धाम (सीतामढ़ी) है।
यह मंदिर मिथिला क्षेत्र की आस्था का केंद्र बनेगा, जैसे अयोध्या में राम मंदिर बना है। इस मंदिर के निर्माण से पूरे भारत में सीता माता की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान मिलेगा।
🔒 सुरक्षा और व्यवस्था
इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए जिले में सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं।
स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है ताकि यातायात और भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
कार्यक्रम में शामिल होंगे:
राज्य व केंद्र सरकार के मंत्री
संत‑महात्मा
लाखों श्रद्धालु
📈 भविष्य की उम्मीद
इस मंदिर निर्माण के साथ ही बिहार में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा, और भारत के हर कोने से श्रद्धालु सीता माता के दर्शन के लिए यहां आएंगे।
📌 निष्कर्ष (Conclusion)
8 अगस्त 2025 को पुनौरा धाम में होने वाला यह भूमि पूजन केवल एक मंदिर की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह मिथिला और बिहार की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को फिर से विश्वपटल पर लाने का प्रयास है।
माता सीता की जन्मभूमि अब एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक धाम बनने की ओर अग्रसर है।
📣 क्या आप भी शामिल होने जा रहे हैं इस ऐतिहासिक अवसर में?
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