कर्नाटक में ‘वोट चोरी’ के आरोप: राहुल गांधी ने उठाया लोकतंत्र का सवाल

अगस्त 2025 की शुरुआत में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में हुए 2024 लोकसभा चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर “वोट चोरी” (Vote Chori) का आरोप लगाया। इस आरोप ने राजनीतिक धरातल को गर्म कर दिया और लोकतंत्र की पवित्रता पर बहस का मुद्दा बना। आइए जानें क्या कहा, किसने क्या प्रतिक्रिया दी और अब आगे क्या होने वाला है।
1. राहुल गांधी के आरोप: क्या और क्यों?
राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर लगभग 1,00,250 फर्जी वोट डाले गए थे। उन्होंने पाँच प्रमुख तरीकों से इस फर्जीवाड़े का विवरण दिया — डुप्लीकेट वोट, गलत या फर्जी पता, एक ही घर में कई वोटर, अवैध फोटो, Form-6 का गलत इस्तेमाल ।
इसके अलावा, उन्होंने देश भर की 48 लोकसभा सीटों में भी “वोट चोरी” होने की बात कही, जिनमें बेंगलुरु सेंट्रल शामिल है ।
राहुल गांधी ने यह भी बताया कि कांग्रेस 70 सीटें लगभग 50,000 मतों के अंतर से हारी है, और पार्टी यह देख रही है कि क्या ये परिणाम वास्तविक थे या नहीं ।
2. चुनाव आयोग और कर्नाटक सरकार की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने राहुल गांधी से उनकी हाजिर आरोपों का समर्थन करने वाले दस्तावेज़ या शपथपत्र देने को कहा। विशेष रूप से महादेवपुरा में एक शखुन रानी के दोगुना वोट देने के मामले में जांच की गई, जिसमें उन्होंने केवल एक बार ही वोट डाला था, लेकिन राहुल गांधी के प्रस्तुति में जो दस्तावेज़ था, वह मतदान अधिकारी द्वारा जारी नहीं था ।
इसी दौरान, कांग्रेस के उप मुख्यमंत्री DK शिवकुमार ने CEO को एक पत्र सौंपा जिसमें कर्नाटक की चुनावी अनियमितताओं की जानकारी दी गई — जैसे डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन, खाली पते, वोट विस्थापन आदि पर विस्तार से खुलासा किया गया और जांच व मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट प्रकाशित करने की मांग की गई ।
3. राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और विवाद
इस मामले में कांग्रेस के भीतर मतभेद भी सामने आए। कर्नाटक के सहयोग मंत्री के. एन. राजन्ना ने सवाल उठाया कि अगर चुनावी गड़बड़ी कांग्रेस के शासन काल में हुई है, तो उस समय चुप क्यों रहे? उन्होंने पार्टी की जवाबदेही पर भी सवाल खड़ा किया । इसके कारण उन्हें पद से हटा दिया गया ।
भाजपा ने इस मुद्दे को राजनीतिक ड्रामा बताया। केंद्रीय नेता प्रहलाद जोशी ने इसे “वोट चोरी” नहीं, बल्कि “ध्यान चोरी (Attention Chori)” करार दिया । वहीं, अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को लोकतंत्र की संस्थाओं पर आरोप लगाने की चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपनी हार का ठीकरा वोट चोरी पर मत फोड़ें ।
4. कांग्रेस की रणनीति: रैली, मुहिम और आगे क्या
अगस्त के पहले सप्ताह में बेंगलुरु में कांग्रेस ने ‘Vote Adhikar Rally’ का आयोजन किया, जहां राहुल गांधी ने प्रदर्शन कर चुनाव आयोग पर हमले की रणनीति जारी रखी ।
निष्कर्ष
कर्नाटक में “वोट चोरी” का मामला केवल एक राजनीतिक आरोप नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आधारभूत संरचनाओं पर सवाल खड़े करने वाला विषय है। चाहे यह महादेवपुरा का एकल मामला हो या पूरे देश की 48 सीटों की जांच — सबूत मांगना या देना, राजनीतिक असहमति या जिम्मेदारी दिखाना — सारी गतिविधियाँ एक व्यापक राजनीतिक ताना-बाना रच रही हैं।